शनिवार, 18 जनवरी 2014

आप नकारात्मक विचारों के प्रवाह को कैसे रोक सकते हैं?

नकारात्मक विचार तीन कारणों से होते हैं

● अगर रक्त का प्रवाह सही नहीं है।

● लसीका प्रणाली (lymphatic system) सही नहीं है।

● मल त्याग (bowel moment) अनियमित है।

आप फल आहार से अपनी आत्रें साफ कर सकते हैं। प्राणायाम से भी मदद मिलेगी। कुछ दिनों के लिए त्रिफला (आयुर्वेदिक औषधि) ले सकते हैं। योगा, प्राणायाम और ध्यान करो। तुम्हे फर्क अवश्य महसूस होगा। सामुहिक साधना से भी मदद मिलेगी।

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

दु:ख एवं अशांति

दु:खी मस्तिष्क दु:ख का व सुखी मस्तिष्क सुख का सृजन करता है। शांत मन शांति का एवं अशांत मन अशांति का सृजन करता है।

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

प्रेम को समझो


आप सचमुच किसी से प्रेम
करते हो या प्रेमी के साथ
रहना चाहते हो ;
तब आप एक दूसरे की
उपेक्षा मत करो।

इस तरह जियो कि अगला
एक नया व्यक्ति है और हर
रोज तुम्हेँ उसे रिझाना है,
मनाना है। एक दूसरे के
मालिक मत बनो।

आवेश और आत्मबल


आवेश और क्रोध को वश मेँ कर लेने से शक्ति बढ़ती है;

जब ये आवेश वश मेँ आ जाता है तो इसको आत्मबल मेँ बदला जा सकता है;

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

जिँदगी


जिंदगी वैसी नहीँ है, जैसी आप कामना करते है।
यह तो वैसी है, जैसा आप इसे बनाते हैँ।

बुधवार, 30 नवंबर 2011

जैसा विचार वैसा कार्य


मनुष्य के कार्य आमतौर से उसके विचारोँ के परिणाम होते हैँ। यह विचार आन्तरिक विश्वासोँ का परिणाम होते हैँ।

मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

आलसी और परिश्रमी


आलसी मनुष्य अपने लक्ष्य तक कभी
नहीँ पहुँच पाता, किँतु कठोर परिश्रम करने वाला,
अपने प्रत्येक पल का सार्थक उपयोग करने वाला,
कभी भी अभावग्रस्त नहीँ रहता।

बुधवार, 28 सितंबर 2011

बुधवार, 14 सितंबर 2011

व्यक्तित्व


बुद्विमान व्यक्तियोँ की
प्रंशसा की जाती है;

धनवान व्यक्तियोँ से ईर्ष्या
की जाती है;

बलशाली व्यक्तियोँ से डरा
जाता है,

लेकिन विश्वास केवल
चरित्रवान व्यक्तियोँ पर
ही किया जाता है;

सोमवार, 5 सितंबर 2011

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